किसीकी दिल चुराना हे
अबतो उस्को मैने पाना हे
जनम जनम प्यार कर के
मेरेही ये दिलमे सजाना हे
आतीहे हर रात सपने मे
मिलन नही हुवा बिपने मे
मेरी याद उस्को पठाना हे
अबतो उस्को मैने पाना हे
आज तो उस्से बात होगै
दिन भी कैसे रात होगै
प्यारसे उस्को सम्झाना हे
मेरेही ये दिलमे सजाना हे
किसीकी दिल चुराना हे
अबतो उस्को मैने पाना हे
जनम जनम प्यार कर के
मेरेही ये दिलमे सजाना हे
लेखक=केहर सिहँ खासु मगर
गुल्मी बलिथुम (नौ)
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